हिंदी केवल संवाद का माध्यम ही नहीं, बल्कि हमारी पहचान, संस्कृति और सोच की गहराई का प्रतीक है। सही हिंदी लिखना और बोलना केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि हमारी भाषाई जिम्मेदारी भी है। जनसत्ता.कॉम ने इस दिशा में एक कदम बढ़ाया है। हर शनिवार को आप जनसत्ता डॉट कॉम पर ‘सही हिंदी’ स्तम्भ पढ़ सकते हैं।
हमारा यह अभियान इसी सोच को आगे बढ़ाता है कि हिंदी को उसकी मूल गरिमा और शुद्धता के साथ अपनाया जाए। यह कोई कट्टर आग्रह नहीं, बल्कि सहज प्रयास है, ताकि नई पीढ़ी हिंदी को कठिन नहीं, बल्कि सहज, सटीक और अभिव्यक्ति में समर्थ भाषा के रूप में देख पाए। इस अभियान के अंतर्गत हम पाठकों को सही हिंदी शब्दों, वाक्यों और मुहावरों की जानकारी प्रदान करते हैं, ताकि हिंदी भाषा का प्रयोग और भी सटीक व आकर्षक हो सके। इस पहल के माध्यम से हम हिंदी भाषा को आधुनिक दौर में और भी प्रासंगिक व सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं। यह अभियान इसी विश्वास पर आधारित है कि हिंदी हमारी आत्मा है और उसकी शुद्धता हमारी असली शक्ति।