मोहन भागवत, जिनका पूरा नाम मोहन मधुकर भागवत (Mohan Madhukar Bhagwat) है। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के (Rashtriya Swayamsevak Sangh, RSS) प्रमुख (Sarsanghchalak) हैं। RSS एक हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन है, जो सन 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेगड़वार द्वारा स्थापित किया गया था। RSS का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में हिन्दू धर्म के मूल सिद्धांतों की प्रमोट करना और समाज को सांस्कृतिक और राष्ट्रीय धार्मिक मूलों पर आधारित बनाना है।
मोहन भागवत, RSS के सर्वोच्च नेता होते हैं, और उनका भाषण और दिशा निर्देशन संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने RSS के साथ कई दशकों से सेवा की है और वे संगठन के प्रमुख के रूप में चुने गए हैं।
मोहन भागवत और RSS के संगठन के विचारधारा परिस्थितिकों के अनुसार विभिन्न प्रकार के विवादों का हिस्सा भी रहे हैं, और उनके नेतृत्व के दौरान कई घटनाएं भी हुई हैं। उनके द्वारा किए गए भाषण और स्थानीय स्तर पर कार्यक्रमों के माध्यम से वे अपने संगठन की दृष्टिकोण और उद्देश्यों को प्रमोट करते हैं।
मोहन भागवत का जीवन (Mohan Bhagwat Early Life)
1. प्रारंभिक जीवन: मोहन भागवत का जन्म 11 सितंबर 1950 को जालगांव, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नागपुर में पूरी की और फिर वह नागपुर यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
2. संघ में प्रारंभ: मोहन भागवत ने बचपन से ही RSS में संघ के सदस्य के रूप में अपनी सेवा की शुरुआत की थी।
3. संघ के सर्वोच्च पद पर: मोहन भागवत साल 2009 में RSS के सर्वोच्च पद के लिए चुने गए। उनके नेतृत्व के दौरान, RSS ने अपने कार्यक्रमों और संगठन की गतिविधियों को विकसित किया और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रभाव बढ़ाया।
4. संघ के उद्देश्य: मोहन भागवत के नेतृत्व में RSS का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में हिन्दू धर्म के मूल सिद्धांतों की प्रमोट करना है। संघ का उद्देश्य भारतीय समाज को सांस्कृतिक और राष्ट्रीय धार्मिक मूलों पर आधारित बनाना और समर्थ नागरिकों की तैयारी करना है।
5. विचारधारा: RSS विचारधारा में हिन्दू एकता और राष्ट्रवाद को महत्वपूर्ण मानता है। संघ के सदस्य विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवा करते हैं और समाज के लिए सद्गुण संस्कृति की बढ़ती दिशा को समर्थन देते हैं। Read More