
नीतगत ढांचे के बारे में सरकार की समझ भारतीय रिजर्व बैंक से मेल नहीं खाती है। आरबीआइ मुद्रास्फीति को दो…
प्यार के नियमों पर कई किताबें लिखी जा चुकी हैं। मुझे लगता है कि प्यार के उतने ही नियम हैं,…
केंद्र ने राज्य सरकारों की बात न मानते हुए कई विषयों पर कानून पारित किए हैं- जंगल, दवा, मजदूर संगठन,…
समृद्ध भारत के सात करोड़ लोगों को लेकर जश्न मनाते हुए, हमें गरीबी में रहने वाले तीन गुना अधिक भारतीयों…
बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आठ जनवरी 2024 के फैसले में पाया कि 13 मई, 2022 के उसके…
यूपीए के शासन में वर्ष 2005-2008 के बीच का तीन साल ‘विकास का स्वर्ण काल’ था। तब जीडीपी सालाना 9.5,…
संसद के शीतकालीन सत्र का विघटन स्पष्ट रूप से सरकार के लिए कोई चिंता का विषय नहीं था। जब विपक्षी…
लैंगिक असमानता और भेदभाव जीवन के हर क्षेत्र में पाया जाता है, खासकर आय में। पुरुषों में अनियमित मजदूर महिलाओं…
महंगाई और बेरोजगारी की लंबी छाया चुनावों पर पड़ी है। मोदी ने दोनों से परहेज किया, लेकिन कांग्रेस ने दोनों…
कानूनों में सुधार करना एक नेक विचार है, लेकिन किसी कानून में सुधार का मतलब मौजूदा प्रावधानों को फिर से…
हमने एक अक्तूबर 2023 को मौजूदा सरकार के अंतिम छमाही दौर में कदम रखा, जो 30 मई 2024 को 10…
आरक्षण की मांग के बीच जातिविहीन समाज का लक्ष्य लुप्त होता जा रहा है।