विधानसभा चुनाव (Assembly Election) भारत के सभी राज्यों में निचला सदन(द्विसदनीय राज्यों में) या सोल हाउस (एक सदनीय राज्यों में ) के प्रतिनिधियों को चुनने और सरकार के गठन के लिए करवाया जाता है। दिल्ली और पुडुचेरी नामक दो केंद्र शासित राज्यों में भी विधानसभा चुनाव के जरिए ही सरकार का गठन होता है। विधानसभा चुनाव की अवधि या अंतराल पांच वर्षों का होता है। आपातकाल के समय इसे अधिकतम छह महीने के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल चाहें तो पांच साल पूरे होने से पहले भी विधानसभा चुनाव करवाए जा सकते हैं। इसके अलावा किसी सरकार के सदन में विश्वासमत खो देने के बाद भी राज्य में विधानसभा चुनाव करवाया जाता है। राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने की जिम्मेदारी केन्द्रीय चुनाव आयोग की होती है। विधानसभा चुनाव में भी 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर अपना प्रतिनिधि यानी विधायक (MLA) चुना जाता है। सरकार बनाने की जिम्मेदारी इन्हीं विधायकों की होती है। विधानसभा चुनाव के लिए राज्यों में लगभग वहीं मापदंड और कानून लागू होते हैं जो लोकसभा चुनावों में मतदान के दौरान लागू होते हैं। देश के कई बड़े और प्रमुख राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को केंद्र की सरकार या आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संकेत माना जाता है। Read More