रेवंत रेड्डी ने अपने सियासी करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। 2006 में निकाय चुनाव लड़ वे निर्दलीय ही जीत गए थे। साल 2007 में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी ज्वॉइन की और वहां से तेलंगाना की मुख्य सियासत में सक्रिय हो गए।
2009 में टीडीपी ने उन्हें कोडंगल से टिकट दिया था और उन्होंने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए तब के कांग्रेस के पांच बार के विधायक गुरुनाथ रेड्डी को करारी शिकस्त देने का काम किया था। 2017 में रेड्डी ने टीडीपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2021 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष जैसा बड़ा पद भी दे दिया गया। इस बार प्रचार से लेकर रणनीति बनाने में रेवंत रेड्डी की सक्रिय भूमिका मानी जा रही है।