2020 टोक्यो ओलिंपिक खेलों के लिए जापान ने अभी से कमर कस ली है। यहां की कंडोम बनाने वाली कंपनियां इसके लिए अल्ट्रा थिन (बेहद पतला) कंडोम तैयार करने में जुटी हैं। वे टोक्यो ओलिंपिक को अपने अल्ट्रा थिन उत्पाद दुनिया भर के सामने पेश करने के लिए सुनहरे अवसर के रूप में देख रही हैं। आपको बता दें कि ओलिंपिक खेलों के दौरान प्रतियोगियों को मुफ्त में कंडोम बांटे जाते हैं, ताकि दुनिया के सबसे फिट एथलेटिक्स में सुरक्षित सेक्स को बढ़ावा मिले। जापानी कंडोम कंपनियों मानकर चल रही हैं कि 0.01 एमएम अल्ट्रा थिन कंडोम को उपभोक्ताओं के सामने लाने का सबसे अच्छा प्लैटफॉर्म ओलंपिक खेल ही होंगे। ये बेहद महीन किस्म के कंडोम पॉलीयूरीथेन से बने होंगे। खास बात है कि जिन लोगों को लैटेक्स से अलर्जी से होती है, वे इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे।
सागामी रबड़ इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ प्रबंधक और प्रवक्ता हिरोशी यामाशिता ने इस बारे में कहा कि सिर्फ जापान की कंपनियां ही वर्तमान में 0.01 से 0.02 एमएम जितने पतले कंडोम बना रही हैं। टोक्यो में ओलंपिक खेलों को हम महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देख रहे हैं, जो दुनिया को हमारी उच्च प्रौद्योगिकी से रू-ब-रू कराएगा।
VIDEO: Japan's condom makers are in training for the 2020 Tokyo Olympics: working hard to have an ultra-thin innovation ready for the Games pic.twitter.com/jyrhXXQ8ou
— AFP News Agency (@AFP) March 21, 2018
हालांकि, जापान अभी भी कंडोम बनाने की रेस में ब्रिटेन के ड्यूरेक्स और अमेरिका की त्रोजन से पीछे है। जापानी कंपनी ओकामोतो इंडस्ट्रीज का नाम इस सूची में ऑस्ट्रेलिया के ‘एन्सेल्ल’ के साथ तीसरे स्थान पर है। वहीं, अगले नंबर पर सागामी का नाम आता है। जापानी औद्योगिक संस्था कंडोम कोगयोकाई की मानें तो सागामी ने इस बेहद पतले कंडोम को 2013 में ही बाजार में पेश किया था। ओकामोतो में मार्केटिंग मैनेजर तोमोनोरी हायाशी ने इस बारे में कहा, “सेक्स के चलते संक्रामक बीमारियों से कंडोम सुरक्षित रखता है। जितना ये पतले होंगे, पुरुष उतना ही इन्हें इस्तेमाल करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमारे उत्पाद ओलिंपिक में खरे उतरें।”