हरकोई अपने परिवार को प्यार करता है और मरते दम तक परिवार की खुशी के लिए हरसंभव कोशिश करता है, लेकिन इस दुनिया में एक ऐसी जगह भी हैं जहां लोग अपने परिवार वालों को मरने के बाद भी प्यार करते हैं। जहां एक तरह हमारे यहां मान्यता है कि शव को मरने के बाद जलाकर या दफनाकर उसे भूल जाते हैं वहीं इंडोनेशिया के एक गांव में लोग एक फेस्टिवल मनाते हैं जिसमें वो अपने परिजन के दफनाए हुए शव को फिर से निकालते हैं। इतना ही नहीं वो लाशों को निकालकर उस सजाते हैं और अच्छे-अच्छे कपड़े पहनाते हैं और उन्हें तैयार करते हैं।

इस त्योहार का नाम मा’नेने फेस्ट‍िवल है जिसमें सुलावेसी द्वीप के लोग अपने परिजनों को जमीन से निकालते हैं। इस त्यौहार का मतलब लाशों की सफाई का त्यौहार है। इस त्योहार में लाश को बाहर निकालने के साथ साथ उसके साथ फोटो भी खिंचवाई जाती है और लोग इस दौरान घर में इसे सेलिब्रेट करते हैं। बताया जाता है कि इस दौरान घर में कई तरह के पकवान बनते हैं और उस लाश को भोग के रुप में ये चढ़ाया जाता है। कहा जाता है कि यह त्योहार करीब 100 सालों से मनाया जा रहा है। साथ ही शव को खराब होने से बचाने के लिए भी कई उपाय अपनाए जाते हैं। इस त्योहार को मनाने वाले लोगों का मानना है कि मृत्यु आखिरी नहीं होती है, लेकिन आध्यात्मिक जीवन चलता रहता है। ऐसे ही आर्मी के एक जवान को मरने के बाद कब्र से निकाला गया और उसे सेना की पूरी ड्रेस पहनाकर यह त्योहार मनाया गया है।