आज़ादी का जश्न हो और शहीद भगत सिंह का ज़िक्र ना हो ये कैसे हो सकता है| आईये भगत सिंह की डायरी के कुछ पन्ने उलटकर देखें, एक क्रांतिकारी के भीतर बसे कवि से कुछ सीखें!जानेंगे उन्होंने ने जेल में रहकर अपनी डायरी में क्या लिखा था, फांसी से नहीं तो किस तरह मरना चाहते थे भगत सिंह ?