विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने बुधवार को EIA यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग छात्रों को संबोधित करते हुए वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन को साम्राज्यों के उदय से जोड़ा। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के भाप-कोयला युग, अमेरिका के पेट्रोल-आंतरिक दहन इंजन दौर और अब चीन की इलेक्ट्रिक मोटर-बैटरी वर्चस्व पर चर्चा की, जो ड्रोन, इलेक्ट्रिक वाहनों और रोबोटिक्स को नया आकार दे रहा है। यूक्रेन युद्ध का उदाहरण देते हुए गांधी ने बताया कि ड्रोन कैसे पारंपरिक टैंकों को निष्प्रभावी कर रहे हैं, जो गोलाकार गति की क्रांति का प्रतीक है। भारत को अमेरिका की समुद्री दृष्टि और चीन की स्थलीय शक्ति के बीच फंसा बताते हुए, उन्होंने उत्पादन डेटा पर चीन की पकड़ और खपत डेटा पर अमेरिका-भारत की मजबूती पर जोर दिया। एआई को भविष्य की कुंजी बताते हुए चेतावनी दी कि डेटा नियंत्रण ही सत्ता तय करेगा। भारत की विविधता (भाषाएं, धर्म, संस्कृतियां) को ताकत मानते हुए लोकतंत्र पर ‘पूर्ण हमला’, ध्रुवीकरण, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को सबसे बड़े खतरे करार दिया। शिक्षा-स्वास्थ्य में मानवीय संबंध और सरकारी समर्थन की वकालत की, साथ ही एआई के नौकरियां छीनने-बढ़ाने के दोहरे प्रभाव पर चर्चा।