पुतिन के भारत दौरो ने दोनों देशों के रिश्तों को एक अभूतपूर्व मुकाम पर पहुंचा दिया है. लेकिन, कूटनीतिक और सामरिक स्तर पर इस दौरे के बेहद ही गहरे मायने हैं क्योंकि, एक तरफ जहां दुनिया में रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं. वहीं, दूसरी तरफ भारत भी परमाणु संपन्न देश है. रूस ने कभी भी भारत के शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए परमाणु कार्यक्रम का विरोध नहीं किया, उल्टा रूस हमेशा हर मुश्किल घड़ी में भारत के साथ खड़ा रहा है. इसी कड़ी में पुतिन ने भारत के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक ऐसा कदम उठाया है. रूस की सरकारी कंपनी रोस्टोम ने परमाणु फ्यूल की पहली खेप भारत पहुंचा दी है. परमाणु ईंधन की ये खेप तमिलनाडु के कुदनकुलम के तीसरे परमाणु रिएक्टर में पहुंचाई गई है.
