Priyanka Gandhi Loksabha Speech: प्रियंका गांधी ने भारतीय संविधान की रक्षा करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला किया। उन्होंने लोकसभा में अपने पहले भाषण में संविधान के महत्व को रेखांकित किया और संभल हिंसा का मार्मिक उल्लेख किया। प्रियंका ने संभल के दुखद मामले का उदाहरण देते हुए कहा, “कुछ दिन पहले संभल के पीड़ित परिवार के लोग मुझसे मिलने आए। उनमें दो बच्चे, अदनान और उजैर भी थे। अदनान, जो मेरे बेटे की उम्र का है, डॉक्टर बनना चाहता है और अपने पिता का सपना पूरा करना चाहता है। उनके पिता, जो दर्जी थे, को पुलिस ने गोली मार दी। यह सपना संविधान ने उन्हें दिया था।” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान, जो नागरिकों की सुरक्षा का कवच है, पिछले 10 सालों में उसे तोड़ने की कोशिश की गई है। प्रियंका ने कहा, “हमारा संविधान हमारी ढाल है, लेकिन सत्ताधारी दल ने इसे तोड़ने का काम शुरू कर दिया है।” इस बयान से उन्होंने न केवल संविधान की अहमियत पर जोर दिया बल्कि बीजेपी के कार्यकाल पर भी गंभीर सवाल उठाए। यह भाषण राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की उन चिंताओं को प्रतिध्वनित करता है, जो मानते हैं कि बीजेपी अपने तीसरे कार्यकाल में संविधान को बुनियादी स्तर पर बदलने की कोशिश कर सकती है। प्रियंका गांधी की यह आग उगलने वाली स्पीच सीधे तौर पर बीजेपी के संवैधानिक दृष्टिकोण और सामाजिक न्याय पर किए गए दावों को चुनौती देती है।
Wayanad MP Priyanka Gandhi Vadra delivered her maiden speech – a sharp response to Defence Minister Rajnath Singh’s opening remarks – by referring to the Unnao rape and the Sambhal violence.
“A few days ago, some people from the bereaved families of Sambhal came to meet us… there were two children among them – Adnan and Uzair. One was my son’s age (Raihan Vadra is 24) and the other was around 17. Their father was a tailor who had one dream… to see his sons educated.”