यूनिवर्सिटी कैंपसों में स्वतंत्र चिंतन की वकालत करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अशांति की संस्कृति का प्रचार करने के बदले छात्रों और शिक्षकों को तार्किक चर्चा और बहस में शामिल होना चाहिए। मुखर्जी ने कहा कि वह ऐसी किसी समाज या राज्य को सभ्य नहीं मानते, अगर उसके नागरिकों का आचरण महिलाओं […]