
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील तल्हा अब्दुल रहमान ने दलील दी। दलील में कहा गया कि पोस्ट में कोई अश्लीलता नहीं थी और मंसूरी ने केवल इतना कहा था कि बाबरी मस्जिद का पुनर्निर्माण तुर्की की मस्जिद की तरह किया जाएगा। उन्होंने तर्क दिया कि भड़काऊ पोस्ट किसी अन्य व्यक्ति ने किया था, लेकिन उसकी जांच नहीं की गई।