
पितृ पक्ष में श्राद्ध का महत्व है, जो 7 सितंबर से शुरू हो चुका है। गयाजी में पिंडदान करना शुभ माना जाता है, लेकिन अगर वहां नहीं जा सकते तो घर पर दक्षिण दिशा में, पवित्र नदियों के किनारे, हरिद्वार, काशी, प्रयागराज, बद्रीनाथ और रामेश्वरम में भी श्राद्ध कर सकते हैं। इन स्थानों पर श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।