Mahakumbh Stampede : भगदड़ स्थल के पास पिलर नंबर 147 के आसपास भी अफरा-तफरी का माहौल था। जयप्रकाश सोनी, जो अपनी 65 वर्षीय मां का शव लेने के लिए मोर्चरी में इंतजार कर रहे थे, ने बताया कि भीड़ अचानक बेकाबू हो गई। “करीब रात 1 से 1:30 बजे के बीच भीड़ इधर-उधर भागने लगी और वहां कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। लोग गिरते गए और बाकी उन पर चलते रहे,” सोनी ने कहा। उनके पिता और बच्चे किसी तरह बच गए, लेकिन उनकी मां इस भगदड़ का शिकार हो गईं। भीड़ आई और उन्हें कुचल दिया, उन्होंने बताया।