Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा (lok sabha) के इतिहास की बात करें तो आजादी के बाद यह तीसरा मौका होगा, जब लोकसभा अध्यक्ष पद (lok sabha speaker post) के लिए चुनाव हो रहा है। इससे पहले 1956 और 1976 में भी लोकसभा स्पीकर (lok sabha speaker) पद के लिए सत्ता पक्ष (nda) और विपक्ष (india alliance) के बीच चुनाव हुआ था। इस बारी सत्ता पक्ष और विपक्ष में डिप्टी स्पीकर पद (lok sabha deputy speaker) को लेकर न बनी सहमति चुनाव की असली वजह मानी जा रही है। कांग्रेस (congress) का आरोप है कि भाजपा (bjp) ने डिप्टी स्पीकर पद पर पहले हां और फिर टालमटोल किया, जिसके बाद उन्हें अन्य विपक्षी दलों (india alliance) के साथ मिलकर अपना उम्मीदवार उठाना पड़ा।