Loksabha Election 2024: चुनावों (election 2024) के दौरान अगर परिवारवाद ना हो तो चुनाव अधूरे रह जाते हैं… हर नेता अपने बच्चों या रिश्तेदारों को पार्टी में शामिल कराते हुए….सिंबल लेने में जुट जाते हैं…देखा जाए तो….देश बहुत कम ऐसे नेता होंगे जो अपने दम पर राजनीति में आए हैं…..वरना ज्यादातर यहीं देखने को मिलता है कि…पिता के जाते ही उसकी कुर्सी बेटा या बेटी को दे दी जाती है….. इस बात का सबसे उदाहरण है..गांधी परिवार (gandhi family) …और दूसरा उदाहरण बिहार से लिया जाए तो लालू परिवार…राजनीति (bihar politics) में हमने कई बार देखा है कि एक ही परिवार के लोग एक दूसरे के सामने खड़े हैं… बता दें कि बिहार के समस्तीपुर (samastipur lok sabha) नें इस बार कुछ ऐसा तो नहीं लेकिन इससे भी दिलचस्प देखने को मिल सकता है… बिहार में जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी (ashok choudhary) की पुत्री शांभवी चौधरी (shambhavi choudhary) को राम विलास की एलजेपी (ljp) से टिकट मिला है तो वहीं… महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी भी यहां से कांग्रेस (congress) के उम्मीदवार हो सकते हैं….