कुंभ मेले में जितना महत्व शाही स्नान का है, उतना ज्यादा क्रेज नागा साधुओं के करतब को लेकर भी रहता है। शाही स्नान से पहले और उसके बाद नागा साधु अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, जिन्हें देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
कुंभ मेले में जितना महत्व शाही स्नान का है, उतना ज्यादा क्रेज नागा साधुओं के करतब को लेकर भी रहता है। शाही स्नान से पहले और उसके बाद नागा साधु अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, जिन्हें देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
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शारदीय नवरात्रि 2025 में अष्टमी को महागौरी और नवमी को सिद्धिदात्री की पूजा होगी। इस साल महाअष्टमी 30 सितंबर और महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी। अष्टमी पर रवि और शोभन योग, जबकि नवमी पर शिव वास योग और रवि योग बन रहे हैं। कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त भी दिया गया है। अष्टमी पर सुबह 5:02 से 6:14 तक और 10:42 से 12:12 तक, जबकि नवमी पर ब्रह्म मुहूर्त, प्रातः सन्ध्या और रवि योग में कन्या पूजन कर सकते हैं।