गाजा में लगभग दो वर्षों से चली आ रही जंग ने अब भयानक रूप धारण कर लिया है। 16 सितंबर 2025 को इजरायली सेना ने गाजा सिटी में बड़े पैमाने पर जमीनी हमला शुरू किया, जिससे लाखों फिलिस्तीनी दक्षिण की ओर भागने को मजबूर हो गए। संयुक्त राष्ट्र की एक आयोग ने 17 सितंबर को रिपोर्ट जारी कर इजरायल पर फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार का आरोप लगाया, जिसमें कहा गया कि इजरायली कार्रवाइयों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक ढांचे को नष्ट कर दिया है। 26 सितंबर तक, इजरायली हवाई हमलों में 10 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कुल 64,000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। केंद्रीय और दक्षिणी गाजा में भी हमले तेज हो गए हैं, जहां कथित ‘सुरक्षित क्षेत्र’ भी असुरक्षित साबित हो रहे।मानवीय संकट चरम पर है: संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा में अकाल जैसी स्थिति है, सहायता अवरुद्ध है। 22 सितंबर को फ्रांस ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी, जिसका इजरायल ने विरोध किया। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने स्थिति को ‘नैतिक, राजनीतिक और कानूनी रूप से असहनीय’ बताया। इजरायल का दावा है कि यह हमला हमास को नष्ट करने के लिए जरूरी है, लेकिन वैश्विक निंदा बढ़ रही है। शरणार्थी शिविरों और परिवारों पर हमलों से बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित। फिलिस्तीनियों का कहना है कि यह जातीय सफाई है, जबकि इजरायल इसे आत्मरक्षा बताता है। शांति प्रयास विफल हो रहे, और युद्ध लंबा खिंचने की आशंका है।