लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी अयोध्या (फैजाबाद) की सीट समाजवादी पार्टी से हार गई। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। हालांकि, जमीनी स्तर पर जनवरी में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद एक बड़े पैमाने पर सार्वजनिक-निजी विकास पैकेज ने अयोध्या के इर्द-गिर्द भूमि को प्रमुख रियल एस्टेट में बदल दिया है। नवंबर 2019 में राम मंदिर निर्माण की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लेकर मार्च 2024 तक भूमि रजिस्ट्री को लेकर की गई इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि अयोध्या और आसपास के जिले गोंडा और बस्ती के कम से कम 25 गांवों में भूमि लेनदेन की संख्या में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जो मंदिर के 15 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। इनमें से कई सौदे परिवार के सदस्यों या विभिन्न दलों के राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से करीबी तौर पर जुड़े लोगों द्वारा किए गए हैं। अयोध्या और आसपास जमीन खरीदने वालों में डिप्टी सीएम से लेकर कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हैं।
