Indigo Flight Cancel: दिसंबर 2025 का पहला सप्ताह भारत के विमानन इतिहास में काला अध्याय बन गया। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने एक साथ 1,100 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े हवाई अड्डों पर हजारों यात्री घंटों फंसे रहे। 5 दिसंबर को तो दिल्ली से सभी घरेलू उड़ानें ही कैंसिल कर दी गईं।मुख्य वजह बनी पायलटों की भारी कमी और नए FDTL नियमों की तैयारी न करना। इंडिगो की ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सिर्फ 8.5% रह गई। यात्रियों में गुस्सा इस कदर भड़का कि मामला सीधे संसद पहुंच गया।राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष ने हंगामा किया। राहुल गांधी ने इसे “सरकार की मोनोपॉली नीति का नतीजा” बताया तो प्रमोद तिवारी, प्रियंका चतुर्वेदी और सपा सांसदों ने सिविल एविएशन मंत्री से तुरंत जवाब मांगा। विपक्ष का आरोप है कि एक कंपनी को 60% से ज्यादा बाजार दे देने की कीमत अब जनता चुका रही है।सरकार ने DGCA के जरिए इंडिगो को अस्थायी छूट दी है और कंपनी ने फरवरी 2026 तक सब ठीक करने का वादा किया है। लेकिन सवाल वही है – क्या लो-कॉस्ट के नाम पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा से समझौता किया जा सकता है?
