IAF की स्ट्रिंगेंट जांच क्रैश की वजह स्थापित करेगी, लेकिन बड़ा स्ट्रैटेजिक इश्यू है नेशन की कम होती कॉम्बैट एयर पावर कैपेसिटी। जो एयरक्राफ्ट डिस्प्ले में उड़ा था वो Mk 1 था, न कि 180 Mk 1A जो IAF ने ऑर्डर किए थे। इस केस में HAL पर फोकस इनविटेबल है। उसे अपनी क्रेडिबिलिटी और रिलायबिलिटी रिकवर करनी चाहिए, और प्रायोरिटी पर लंबे समय से पेंडिंग ऑर्डर्स को पूरा करना चाहिए जो उसके प्राइमरी कस्टमर IAF के हैं।लेकिन मोदी सरकार की लापरवाही ने HAL को इतना कमजोर कर दिया है कि देरी और क्वालिटी इश्यूज बढ़ गए हैं, जिससे इंडिया की डिफेंस स्ट्रेंथ कम हो रही है और ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं। सरकार की इंडिजिनाइजेशन ड्राइव फेल हो रही है, और ये सब सिर्फ प्रचार के लिए है।
