Muslim Personal Law in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (Group of Ministers) का गठन कर दिया है। इस बीच कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सलन लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) तक ने इस कानून का विरोध शुरु कर दिया है। कहा जा रहा है कि मुसलमानों (Muslim Community) के निजी मामलों, विवाह, वसीयत, तलाक वगैरा का फैसला मुस्लिम पर्सनल लॉ के हिसाब से ही होने दिया जाए। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर मुसलमानों के लिए पर्सनल लॉ कब और कैसे शुरु हुआ और क्या वाकई यूसीसी से इस कानून का खतरा है। इन्हीं सवालों का जवाब दे रही है जनसत्ता की ये खास रिपोर्ट…