अमेरिका में नौकरी करने के लिए जाने वाले लोगों को अब 1 लाख डॉलर वीज़ा फीस देनी होगी. कई जानकारों का मानना है कि इस फीस बढ़ोतरी से अमेरिका को बड़ा नुकसान हो सकता है. एच-1बी वीज़ा पर इतनी भारी भरकम फीस लगाने से अमेरिका के अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और छोटे धंधों में भूचाल आ सकता है क्योंकि, इस सेक्टर का अधिकतर हिस्सा विदेशी प्रशिक्षित लोगों के ऊपर निर्भर है, जो ज़रूरी सेवाओं के पदों पर अमेरिका में काम करने आते हैं. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, यह शुल्क साल 2026 से शुरू होने वाले एच-1बी वीज़ा साइकिल पर लागू होगा, ताकि संस्थाओं को लागत में हुए इज़ाफे के लिए तैयार होने का वक्त मिल जाए. अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, भारत से आने वाले कर्मचारियों को करीब 70 फीसदी एच-1बी वीज़ा मिलते हैं. इसके बाद, चीन की हिस्सेदारी करीब 11.7 फीसदी है.