एनडीए के नेताओं ने राधाकृष्णन के नामांकन की खुलकर तारीफ की। टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू, जेडीयू के राजीव रंजन, एचएएम के जीतन राम मांझी, आरएलडी के जयंत चौधरी और अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने कहा कि यह एक शानदार चयन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, “सी.पी. राधाकृष्णन ने अपनी निष्ठा, विनम्रता और बुद्धिमत्ता से सबका दिल जीता है। वह एक प्रेरक उपराष्ट्रपति होंगे।” विपक्ष में अलग-अलग राय हैं। कांग्रेस के उदित राज ने कहा, “यह नामांकन आरएसएस को खुश करने और तमिलनाडु में बीजेपी को मजबूत करने की रणनीति है। शायद मोदी राष्ट्रपति पद अपने लिए बचा रहे हैं।” उन्होंने राधाकृष्णन को चेतावनी दी कि वह जगदीप धनखड़ के साथ हुए घटनाक्रम को याद रखें।कांग्रेस के मनीष हिंदवी ने तंज कसा, “मुद्दा यह नहीं कि उपराष्ट्रपति कौन बनेगा, मुद्दा यह है कि बीजेपी शासन को अपने इशारों पर चला रही है।” वहीं, झारखंड कांग्रेस के सतीश पॉल मुंजनी ने कहा, “राधाकृष्णन झारखंड के गवर्नर रह चुके हैं, उम्मीद है वह संविधान का पालन करेंगे, न कि सरकार का प्रवक्ता बनेंगे।” शिवसेना (यूबीटी) के आनंद दुबे ने संदेह जताया, “जगदीप धनखड़ अचानक कहां गायब हो गए? उनके इस्तीफे का रहस्य क्या है? जब तक यह साफ नहीं होता, यह चुनाव सवालों के घेरे में रहेगा।” डीएमके ने राधाकृष्णन के नामांकन को अच्छा बताया, लेकिन कहा कि वह अपने गठबंधन के फैसले के साथ रहेंगे।शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत, जो अपने कड़े बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने 17 अगस्त 2025 को एक आश्चर्यजनक बयान दिया। एनडीए ने जब महाराष्ट्र के गवर्नर सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया, तो राउत ने कहा, “वह बहुत अच्छे व्यक्ति हैं, गैर-विवादास्पद। उनके पास काफी अनुभव है। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।”