पुणे के रहने वाले 28 साल के मोहसिन शेख जिनका साल 2014 में कथित तौर पर हिंदू राष्ट्र सेना द्वारा कत्ल कर दिया गया था। उनका परिवार उस आदेश पर दंग रह गया जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए 21 लोगों में से 3 को ज़मानत दे दी। 12 जनवरी को दिए आदेश में जस्टिस मृदुला भाटकर ने कहा कि मृतक की गलती केवल यह
थी कि वह दूसरे धर्म से थे। उन्होंने कहा कि वह इस पहलू पर आरोपियों के पक्ष में विचार करती हैं। और तो और, आरोपियों को कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और ऐसा लगता है कि उन्हें धर्म के नाम पर उकसाया गया था जिस कारण उन्होंने यह हत्या कर दी। वहीं हाईकोर्ट द्वारा आरोपियों को ज़मानत दिए जाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मोहसिन का परिवार सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना बना रहा है। आपको बता दें कि अब तक इस केस में 21 आरोपियों में से 14 को ज़मानत दी जा चुकी है। वहीं महाराष्ट्र सरकार भी इन तीन लोगों को ज़मानत देने के फैसले को चुनौती दे सकती है। दरअसल मोहसिन जो कि पुणे की एक कंपनी में काम करता था, उस पर 2 जून, 2014 को उस वक्त हमला किया गया था जब वह रात में मस्जिद से नमाज़ अदा करने के बाद घर जा रहा था। हमले के वक्त कथित तौर पर हिंदू राष्ट्र सेना के सदस्य छत्रपति शिवाजी और बाल ठाकरने के बारे में कुछ अपमानजनक फेसबुक पोस्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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