आसान शब्दों में कहें तो इंटरनेट के जरिए धोखाधड़ी करना फिशिंग कहलाता है। फिशिंग के तहत लोगों की निजी और गोपनीय जानकारी जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड नंबर, नेट बैंकिंग पासवर्ड और पर्सनल डिटेल्स चुराई जाती है। जिसके बाद लोगों के बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं और डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर दी जाती है..,ज्यादातर मामलों में ठगी का शिकार होने वाला कुछ नहीं कर पाता है…