यदि आप रिटायरमेंट को लेकर फ्यूचर प्लानिंग कर रहे हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) रिटायरमेंट आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप कितनी जल्दी इसकी प्लानिंग शुरू करते हैं।
हालांकि, रिटायरमेंट के बाद कितना फायदा होगा यह आपकी मौजूदा आर्थिक स्थिति, जीवन में प्राथमिकता, नौकरी की स्थिति, पैसे को कितनी कुशलता के साथ मैनेज करने जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। कई लोग ऐसे होते हैं जो अपनी रिटायरमेंट को लेकर बहुत अधिक चिंता नहीं करते हैं। वहीं कुछ लोग अपनी पहली नौकरी के साथ ही रिटायरमेंट की योजनाओं और उसके बाद के फायदों से जुड़ी योजनाओं की जानकारी के बाद उन पर अमल करना शुरू कर देते हैं।
जानकारों के अनुसार एक व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी पहली नौकरी में आने का बाद 25 साल की उम्र में पीपीएफ में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में अधिक 1.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। मान लीजिए एक व्यक्ति अपनी पूरे करियर में 1.5 लाख रुपये सालाना पीपीएफ में निवेश करता है। मान लेते हैं कि इस दौरान निवेश पर पूरे समय ब्याज दर 7.9 फीसदी रहती है।
इससे पहले हम रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि को कैलकुलेट करें यहां कुछ बातों की जानकारी रखना जरूरी है। आखिरी के 5 साल में पीपीएफ पर ब्याज की दर लगभग 8 फीसदी होती है। हालांकि सरकार की तरफ से हर तिमाही में ब्याज दर की समीक्षा की जाती है। हाल ही में सरकार ने अगली तिमाही के लिए पीपीएफ पर 7.9 फीसदी ब्याज दर जारी रहने की घोषणा की है।
मालूम हो कि पीपीएफ खाता 15 साल में मैच्योर हो जाता है। हालांकि, इसे अगले 5 साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। उपरोक्त स्थिति में 35 साल की उम्र तक सालाना 1.5 लाख रुपये का निवेश 7.9 फीसदी की दर से बढ़ कर करीब 2.9 करोड़ रुपये हो जाएगा। हालांकि, अंतिम राशि ब्याज दर के बदलाव के कारण कुछ कम या अधिक हो सकती है। यहां ये महत्वपूर्ण है कि रियायरमेंट के समय मिलने वाली यह राशि आपके कर्मचारी भविष्य निधि में जमा राशि के अतिरिक्त है।
पीपीएफ पर ईईई लाभ मिलता है। इसमें निवेश की गई राशि आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट के दायरे में आती है। इतना ही नहीं मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि पर भी किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगता है। चूंकि इस योजना पर सरकार सीधे निगरानी रखती है ऐसे में इसके डिफॉल्ट होने की भी उम्मीद ना के बराबर ही है।