अगर आप पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF) में निवेश करते हैं तो आपको इससे जुड़ी एक बहुत जरूरी जानकारी होनी चाहिए। आमतौर पर सभी जानते हैं कि पीपीएफ अकाउंट 15 वर्ष के भीतर परिपक्व या मेच्योर होगा। ऐसे में पीपीएफ खाता धारकों को ‘Form H’ से जुड़ी अहम जानकारी होना जरूरी है। अगर आप चाहे तो इसे और पांच साल के लिए जारी रख सकते हैं। इस दौरान अगर आप पीपीएफ खाते में राशि नहीं जमा करते तब भी खाते में जमा राशि पर आपको ब्याज मिलेगा। हालांकि मेच्योरिटी के बाद एक ही बार आप इसे पांच साल के लिए जारी रख सकते हैं, ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है।
हालांकि जब आप मेच्योरिटी के बाद पांच साल के लिए पीपीएफ अकाउंट को जारी रखते का निर्णय लेते हैं तब आपके लिए फॉर्म एच (Form H) भरना जरूरी होता है। पीपीएफ का Form H का सादा एक पेज का फॉर्म होता है जिसे बैंकों की वेबसाइट या इंडिया पोस्ट डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म डाउनलोड करने के बाद खाताधारक के लिए जरूरी है कि वो इसे भरकर पोस्ट ऑफिस या उस बैंक में जमा कर दे जहां उक्त व्यक्ति का खाता है।
फॉर्म जमा नहीं करने परा हो सकते हैं ये नुकसान
पीपीएफ अकाउंट को विस्तार करने के फैसले के बाद अकाउंट को मेच्योर होने की तारीख से एक साल के भीतर फॉर्म एच भरकर बैंक या पोस्ट ऑफिम में जमा करना जरूरी है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो अपने खाते में जो फ्रेश डिपॉजिट करेंगे उसपर आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा। इसके अलावा फ्रेश डिपॉजिट के रूप में पीपीएफ में डाले गए पैसे के बदले आयकर की धारा 80सी का लाभ भी नहीं ले सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि जब अकाउंट होल्डर पीपीएफ खाते को और अवधि के लिए बढ़ाता है तो वह हर साल एक तय लिमिट में निकासी कर सकता है। हालांकि वह पांच से में खाते से 60 फीसदी से अधिक राशि नहीं निकाल सकता।