Swamitva Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘स्वामित्व योजना’ के तहत एक लाख प्रॉपर्टी मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड्स बांटे। ये लाभार्थी फिजिकल कॉपी के साथ-साथ डिजिटल संपत्ति कार्ड भी डाउनलोड कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड रखने वाली इस योजना के तहत प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों और सटीक भूमि रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिकों को अधिकार संबंधी रिकॉर्ड से संबद्ध संपत्ति कार्ड उपलब्ध कराना है।
स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मददगार साबित हो सकती है। सरकार ने इस योजना के तहत गांवों के लोगों की आवासीय संपत्ति के अभिलेख में पूरा ब्योरा दर्ज करने की व्यवस्था की है। रिकॉर्ड तैयार होन के बाद ग्रामीण इलाकों की संपत्तियों से जुड़ी फिजिकल कॉपी प्रॉपर्टी मालिकों को दी जाएंगी। राजस्व विभाग के स्थानीय प्रतिनिधि और अन्य संबद्ध विभागों के प्रतिनिधि लोगों के संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड तैयार करेंगे। खास बात यह है कि इस योजना के जरिए जमीन से जुड़े विवादों से निपटारे में आसानी होगी।
ये है सरकार की प्लानिंग: इस योजना के तहत चार साल में (अप्रैल 20 – मार्च 24) 6.2 लाख गांवों को कवर किया जाएगा। सटीक भूमि रिकॉर्ड से संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने और वित्तीय तरलता को बढ़ावा मिलेगा। योजना और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टी राइट्स पर स्पष्टता सुनिश्चित की जाएगी। देशभर में लगभग 300 नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन की स्थापना होगी। ड्रोन ततकनीक औरनियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन के द्वारा आवासीय भूमि की पैमाइश की जाएगी।
इस योजना को लाने की वजह: हमारे देश की लगभग 60 फीसदी गांवों और कस्बों में रहती है। पुरानी व्यवस्था के तहत ज्यादात्तर ग्रामीणों के पास अपने जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं है। वक्त बितता गया लेकिन पुरानी व्यवस्था के चलते मालिकाना हक से जुड़े कागज कभी बन न सके हालांकि गांवों की खेतिहर जमीन का रिकॉर्ड तो रखा गया लेकिन घरों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। सरकार ‘स्वामित्व’ योजना से इसी कमी को दूर करना चाहती है। बता दें कि इस योजना का ऐलान पीएम मोदी ने लॉकडाउन के दौरान किया था।