पब्लिक प्रोविडेंट फंड लघु बचत योजनाओं में निवेश के बेहतर विकल्प में से एक है। केंद्र सरकार की तरफ से पीपीएफ समेत अन्य लघु बचत योजनाओं पर अगली तिमाही के लिए ब्याज दर 7.9 फीसदी बरकरार रखा गया है। क्या आप जानते हैं आपके पीपीएफ अकाउंट पर ब्याज की गणना कैसे की जाती है?
पीपीएफ पर ब्याजा सालाना मिलता है लेकिन पीपीएफ खाते पर ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है। इसके बाद हर साल 31 मार्च को इस राशि पर मिलने वाले ब्याज को आपके अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है। पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी की अवधि 15 साल होती है।
पीपीएफ खाते में महीने की 5 तारीख से लेकर महीने की अंतिम तारीख तक हर महीने ब्याज की गणना की जाती है। इसका सीधा अर्थ है कि यदि आप अपने पीपीएफ अकाउंट में हर महीने की 5 तारीख से पहले राशि जमा करते हैं तो आपको उस महीने में ही जमा राशि पर ब्याज मिल जाएगा। ऐसा नहीं होने पर आपकी पिछली जमा राशि पर ही ब्याज की गणना की जाएगा।
ऐसे में अधिक से अधिक ब्याज के लिए पीपीएफ अकाउंट होल्डर को हर महीने 5 तारीख से पहले राशि जमा कर देनी चाहिए। पीपीएफ में आप साल में कम से कम 500 रुपये और अधिकत 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि यदि पेरेंट्स या गार्डियन ने बच्चे के नाम पर पीपीएफ अकाउंट खुलवाया है तो उस खाते और अपने नाम पर खोले गए खाते, दोनों को मिलाकर भी अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये सालाना ही जमा कर सकते हैं।
ऐसा नहीं है कि आप अपने नाम पर खुले खाते और नाबालिग के नाम पर खुले खातों को मिलाकर 1.5-1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकें। पीपीएफ में आप साल में केवल 12 बार ही राशि जमा करा सकते हैं। यदि आप 1.5 लाख रुपये 5 अप्रैल से पहले ही जमा करा देते हैं तो आपको इस एक बार जमा की गई राशि पर पूरे साल ब्याज मिलेगा।