भारत में अब हवाई सफर सिर्फ हवाई जहाज तक सीमित नहीं रहेगा। सरला एविएशन (Sarla Aviation) का स्टार्टअप शून्य एयर टैक्सी (Shunya Air Taxi) जल्द ही देश के कई बड़े शहरों में अपनी सेवा शुरू करने जा रहा है। बेंगलुरु से इसकी शुरुआत होगी, जिसके बाद मुंबई और दिल्ली में भी इसे लॉन्च किया जाएगा।
तेजी से बढ़ रहा एयर मोबिलिटी का भविष्य
सरला एविएशन कंपनी के सीईओ एड्रियन श्मिट (Adrian Schmidt) के अनुसार, अगले पांच वर्षों में एयर टैक्सी सेवाओं को देशभर में विस्तारित किया जाएगा। फिलहाल, 2028 तक 30 फ्लाइंग टैक्सियों को तैनात करने की योजना है। इस दिशा में तेजी लाने के लिए कंपनी अपनी टीम का विस्तार कर रही है, जो जनवरी में 20 सदस्यों से बढ़कर अब 47 तक पहुंच गई है और वर्ष के अंत तक इसे 120 तक ले जाने का लक्ष्य है।
कैसी होगी फंडिंग और कौन कर रहा निवेश
स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए Accel के नेतृत्व में 10 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है। इस निवेश में फ्लिपकार्ट के बिन्नी बंसल, ज़ेरोधा के निखिल कामथ और स्विगी के श्रीहर्ष मजेटी जैसे दिग्गज शामिल हैं। हालांकि, कंपनी का मुख्य फोकस सिर्फ सेवाएं देना नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी निर्माण पर रहेगा।
कैसी होगी ‘शून्य एयर टैक्सी’?
- स्पीड: 250 किमी प्रति घंटा
- फ्लाइंग रेंज: 160 किमी
- पेलोड क्षमता: 680 किग्रा
- बैठने की क्षमता: 6 यात्री + 1 पायलट
- प्रोपल्शन सिस्टम: 7 इलेक्ट्रिक मोटर आधुनिक तकनीक और किफायती सफर
eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग) तकनीक से लैस यह एयर टैक्सी बिना रनवे के सीधे ऊर्ध्वाधर (Vertical) उड़ान भर सकेगी। इसमें 6-सीटर और 4-सीटर कॉन्फिगरेशन के साथ-साथ कार्गो वर्जन भी उपलब्ध होगा, जिससे यह यात्री परिवहन के साथ माल ढुलाई में भी कारगर होगी। किराए को भी सामान्य यात्रियों के लिए किफायती बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में जुटी सरकार
भारत सरकार भी 2026 तक एयर टैक्सियों के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने में जुटी है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने eVTOL विमानों के उड़ान योग्यता सर्टिफिकेट के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अलावा, घरेलू एयरलाइन IndiGo ने अमेरिकी फर्म Archer Aviation से 200 एयर टैक्सियों का ऑर्डर भी दिया है, जो 2026 तक सेवा में आएंगी।
‘शून्य एयर टैक्सी’ भारत में एयर मोबिलिटी का नया युग शुरू करने के लिए तैयार है। भविष्य में, यह सेवा मेट्रो शहरों में ट्रैफिक की समस्या को कम करने और यात्रा के समय को घटाने में मददगार साबित हो सकती है। अब देखना होगा कि यह इनोवेशन आम लोगों की सफर की आदतों में कितना बदलाव लाता है।