पहले के मुकाबले आज महंगाई काफी बढ़ चुकी है और इसके साथ ही लोगों की जरुरतों में भी इजाफा हुआ है, जिससे जीवन स्तर में सुधार हुआ है। इसके चलते लोगों की रिटायरमेंट लाइफ भी अब उनकी वर्किंग लाइफ के बराबर हो गई है। ऐसे में रिटायरमेंट प्लान के बारे में जल्दी ही निवेश शुरु करना ही बेहतरी है। बता दें कि एक जनवरी 2004 के बाद से सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के लिए सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में शामिल होना अनिवार्य कर दिया है। बेहतर है कि लोग अपने खर्चों की गणना कर अभी से ही इस बात पर विचार करना शुरु कर दें कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें कितनी रकम की जरुरत होगी कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद फंड की कमी से ना जूझना पड़े।

हमारे देश में रिटायरमेंट के लिए पीपीएफ और एनपीएस में निवेश लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। पीपीएफ में लोगों को निश्चित रिटर्न मिलता है, वहीं एनपीएस में सालाना 10% का रिटर्न मिलना, इसके पसंदीदा होने की खास वजह है। हालांकि यहां सवाल उठता है कि क्या किसी व्यक्ति के लिए सिर्फ पीपीएफ या एनपीएस में निवेश करना ही उनके रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए काफी है? दरअसल इन दोनों ही प्लान में बढ़ती मुद्रास्फिति को ध्यान में रखकर निवेश नहीं किया जाता है।

ऐसे समझें कितने फंड की होगी जरुरतः इसे समझन के लिए हमें एक उदाहरण का सहारा लेना पड़ेगा। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति की उम्र 25 साल है और उसकी मासिक आय 40 हजार रुपए है, इसमें से वह 25 हजार रुपए खर्च करता है। माना यह व्यक्ति 60 साल की उम्र तक काम करेगा। इस तरह वह 35 साल तक नौकरी करेगा। अब यदि इस व्यक्ति की कुल उम्र 90 साल होगी तो फिर उसे रिटायरमेंट के बाद 30 साल के खर्च के हिसाब से पैसे जोड़ने होंगे। इतना ही नहीं वक्त के साथ-साथ महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में जब 25 साल की उम्र में उसका खर्च 25,000 रुपए है, तो मान लीजिए कि 40 साल की उम्र तक उसके सालाना खर्च में 10% की बढ़ोत्तरी होगी और 40 से 60 साल की उम्र तक उसके खर्च में 5% की बढ़ोत्तरी होगी, तो जब वह व्यक्ति 60 साल की उम्र में रिटायर होगा, तो उसका मासिक खर्च करीब 2,88,624 रुपए होगा। वहीं 90 साल की उम्र में उसका मासिक खर्च 7,65,805 रुपए हो जाएगा।

उक्त स्थिति के हिसाब से व्यक्ति को रिटायरमेंट के वक्त 17.32 करोड़ रुपए की जरुरत होगी, जिससे वह अपने आगे का जीवन आराम से बिता सके। इस पैसे को किसी एफडी आदि में निवेश कर व्यक्ति इतना ब्याज पा सकता है कि उसके खर्च आसानी से पूरे हो सकते हैं। अब बात आती है कि व्यक्ति कहां निवेश करे कि उसे इतनी रकम मिल जाए। यकीनन पीपीएफ और एनपीएस में निवेश आपको इतनी रकम नहीं दे सकता।

पीपीएफ और एनपीएस में निवेश नहीं होगा कारगरः बता दें कि पीपीएफ में रिटायरमेंट फंड 17 करोड़ के रुपए के करीब पाने के लिए व्यक्ति को 75,494 मासिक निवेश करने होंगे। नियमों के अनुसार, पीपीएफ खाते में सालाना 1.5 लाख रुपए ही जमा किए जा सकते हैं, ऐसे में पीपीएफ में निवेश मददगार साबित नहीं होगा। इसी तरह एनपीएस में निवेश पर इतना फंड लेने के लिए 35 साल तक मासिक 45,613 रुपए निवेश करने होंगे, जिस पर 10% के ब्याज के बाद यह रकम मिल सकती है, लेकिन इसके लिए व्यक्ति की मासिक आय भी ज्यादा होनी चाहिए और मासिक आय ज्यादा होने पर उसके खर्च भी ज्यादा होंगे, ऐसे में एनपीएस में निवेश भी इतनी रकम नहीं दे सकेगा।

आर्थिक जानकारों के अनुसार, म्युचुअल फंड में लंबे समय के लिए निवेश इतनी रकम दे सकता है। इसके लिए लोगों को हर माह 26 के करीब रुपए सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करने होंगे।