देश में मध्य आयवर्ग और सैलरी पाने वाले लोगों के बीच Public Provident Fund (PPF) खाता काफी पसंद किया जाता है। दरअसल पीपीएफ खाते के माध्यम से सरकार मध्यम वर्ग के लोगों को काफी सुविधाएं देती है, जिनमें उच्च ब्याज दर भी शामिल है। सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक पीपीएफ खातों पर अभी ब्याज दर 7.9 प्रतिशत है।
खास बात ये है कि यह खाता बैंक शाखाओं के साथ ही पोस्ट ऑफिस में भी खोला जा सकता है। यही वजह है कि देश में काफी लोग पीपीएफ खाते को पसंद करते हैं। बता दें कि पीपीएफ खाते में आयकर एक्ट 1961 की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख तक टैक्स पर छूट मिलती है। पीपीएफ खाते का लॉक-इन पीरियड 15 साल होता है। हालांकि कुछ परिस्थितियों में खाताधारक बीच में भी कुछ धनराशि पीपीएफ खाते से निकाल सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि मेडिकल इमरजेंसी और शैक्षिक जरुरतों आदि के लिए पीपीएफ खातों से मैच्योरिटी से पहले भी कुछ धनराशि निकाली जा सकती है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार, पीपीएफ खाते से बीच-बीच में धनराशि निकालना अच्छा आइडिया नहीं है। दरअसल मैच्योरिटी पीरियड से पहले बीच-बीच में कुछ धनराशि निकालने की स्थिति में खाताधारक को यह नुकसान होगा कि उससे बची हुई धनराशि पर मिलने वाले पैसे पर कम ब्याज मिलता है। इसके साथ ही मैच्योरिटी से पहले बीच में धनराशि निकालने पर खाताधारक को कुल डिपोजिट पर 1% प्रीमैच्योर क्लोजर फीस भी देनी होती है।
पीपीएफ एक छूट मुक्त छूट (EEE Exempt-exempt-exempt) निवेश है, जिसमें मैच्योरिटी पर मिली धनराशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। यही वजह है कि पीपीएफ खातों से बीच में धनराशि निकालना समझदारी भरा फैसला नहीं कहा जा सकता है और लोग इसकी बजाय पीपीएफ डिपोजिट पर लोन ले सकते हैं। यदि जरुरत ज्यादा है तो फिर पर्सनल लोन लेने का विकल्प भी मौजूद है।