पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरवाने के बाद आपको ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी एक लापरवाही काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है। अगर आप ये लापरवाही करते हैं तो पेट्रोल पंप से निकलने के बाद तेल कंपनियां पेट्रोल की क्वालिटी की जिम्मेदारी नहीं लेंगी। दरअसल पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल मिक्स किया जाता है।

कार बाइक वॉश करते हुए या बारिश के वजह से फ्यूल टैंक में पानी की कुछ बूंदे भी अगर इसमें मिक्स हो जाए तो इथेनॉल पानी में बदल जाता है और फ्यूल टैंक के नीचे बैठ जाता है। ऐसे में तेल कंपनियों द्वारा यह दलील दी जा रही है कि अगर पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरवाने के बाद इस तरह की समस्या सामने आएगी तो इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी। तेल कंपनियों ने यह भी दलील दी है कि अगर फ्यूल टैंक में पानी पाया जाता है तो कस्टमर खुद जिम्मेदार होंगे।

तेल कंपनियों ने यह भी कहा है कि ग्राहक पेंट्रोल पंप पर नोजल के जरिए पेट्रोल की क्वालिटी चेक कर सकते हैं लेकिन पेट्रोल पंप से निकलने के बाद पेट्रोल की गांरटी नहीं ली जाएगी। ऐसे में वाहनों चालकों को इस बात का बेहद ख्याल रखना चाहिए कि उनका फ्यूल टैंक पानी के संपर्क में न आए।

अगर ऐसा होता है तो आपका वाहन का इंजन खराब होगा और वह ठीक तरह से चल नहीं पाएगा। बता दें कि इथेनॉल एक बॉयो फ्यूल है और इसे कई सोर्स से तैयार किया जाता है। सरकार भी बीते दो दशकों से इसपर काफी जोर दे रही है। मौजूदा सरकार ने हाल में पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने की समय सीमा 5 साल कम कर 2025 कर दी गई है।