रिजर्व बैंक ने जुलाई में मोनेटरी पॉलिसी के रिव्यू के बाद NEFT और RTGS द्वारा बैंक ट्रांसफर पर लगने वाले चार्ज को जनवरी, 2020 से हटाने का ऐलान किया था। हालांकि ग्राहकों को कई अन्य सेवाओं के लिए अभी भी चार्ज का भुगतान करना होगा। जिन सेवाओं के लिए बैंक चार्ज लेंगे, उनका विवरण निम्न है।

कैश जमा करने पर लगने वाला चार्जः कई बैंकों द्वारा एक तय सीमा से ज्यादा कैश डिपॉजिट करने पर चार्ज लगाया जाता है। अधिकतर बैंकों में पहली कुछ ट्रांजैक्शन फ्री होती हैं, लेकिन बाद की ट्रांजैक्शन पर भुगतान करना होता है। यह चार्ज 50-150 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन तक हो सकता है।

फंड ट्रांसफरः एनईएफटी और आरटीजीएस पर भले ही चार्ज ना लगे, लेकिन IMPS (Immediate Payment Service) ट्रांजैक्शन पर अभी भी बैंकों द्वारा चार्ज वसूला जाएगा। सामान्यतः यह चार्ज 1 रुपए से लेकर 25 रुपए तक होगा।

न्यूनतम बैलेंस पर लगने वाला चार्जः अधिकतर बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने की बात करते हैं। यदि तय न्यूनतम बैलेंस की सीमा से खाते में बैलेंस कम होगा, तो बैंक आपसे चार्ज वसूलता है। बता दें कि एसबीआई बैंक में मेट्रो और शहरी इलाकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा 3000 रुपए है। यदि बैलेंस इससे कम होता है तो ग्राहक को 5-15 रुपए तक चार्ज का भुगतान करना होता है।

ATM, Debit Crad और चेक पर लगने वाला चार्जः आरबीआई के अनुसार, बैंक एक माह में एटीएम से 5 ट्रांजैक्शन तक कोई चार्ज नहीं लेते, लेकिन इससे ज्यादा ट्रांजैक्शन करने पर बैंक प्रति ट्रांजैक्शन 8-20 रुपए तक चार्ज करते हैं। कुछ बैंकों में एटीएम ट्रांजैक्शन की सीमा 3 तक भी है।

इसके अलावा एटीएम खो जाने पर उसके बदले में नया कार्ड इश्यू होने पर भी बैंकों द्वारा चार्ज लिया जाता है। एटीएम पिन भूलने पर नया लेने के लिए भी बैंक द्वारा चार्ज लगाया जाता है। चेक क्लीयरिंग पर भी बैंक 150 रुपए प्रति चेक तक चार्ज लेते हैं। चेक बाउंस की स्थिति में भी बैंक चार्ज वसूलते हैं।

अलर्ट और निर्देश पर लगने वाला चार्जः विभिन्न बैंकों द्वारा एसएमएस अलर्ट समेत सिक्योरिटी के कई तरीके उपलब्ध कराए जाते हैं। हालांकि यह भी ग्राहकों को मुफ्त नहीं मिलता और बैंकों द्वारा उस पर 15 रुपए प्रति तिमाही की दर से चार्ज लगाया जाता है।

दस्तावेजः बैंकों द्वारा पासबुक इश्यू करने या फिर बैंक स्टेटमेंट निकालने के लिए चार्ज लिए जाते हैं। इसके अलावा हस्ताक्षर वेरिफिकेशन के लिए भी ग्राहकों को चार्ज देने होते हैं।