Jan Aushadhi Scheme: प्रधानमंत्री जन औषधि योजना मोदी सरकार की ऐसी योजना है जिसके तहत मरीजों को 50 से 90 फीसदी तक सस्ती दवाईयां मुहैया करवाई जाती हैं। पीएम मोदी ने 2015 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसका मकसद महंगी दवाओं का वित्तीय बोझ झेल रहे गरीबों को सस्ती दवाएं देना है।
लोगों के बीच ब्रांडेड जेनेरिक्स की तुलना में सस्ते विकल्प को मुहैया करवाया जा रहा है। सरकार का कहना है कि गुणवत्ता के मामले में यह दवाईयां ब्रांडेड जेनेरिक्स दवाईयों से कम नहीं हैं।
अब सवाल यह है कि हम 90 फीसदी तक सस्ती दवाएं कहां से खरीद सकते हैं? सभी लोगों तक इन सस्ती दवाओं की पहुंच रहे इसके लिए सरकार ने जन-औषधि केंद्र खुलवाए हैं। इनके जरिए ही लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं। आपके कस्बे या गांव तक इस योजना की पहुंच है। बीपीपीआई के मुताबिक इन केंद्रों में अबतक 800 से ज्यादा दवाएं और 150 से ज्यादा मेडिकल इक्यूपमेंट उपलब्ध हैं। वहीं करीब 700 जिलों में अबतक 6200 के करीब जनऔषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं।
ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) देश भर में जनऔषधि केंद्र चलाता है। इस योजना से सरकार लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के अपने लक्ष्य को हासिल कर रही है। यही नहीं इस योजना के तहत कोई भी बेरोजगार व्यक्ति, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर या फिर बेरोजगार फार्मासिस्ट अपनी दुकान भी खोल सकते हैं।
अबतक देश के अलग-अलग हिस्सों में 6 हजार से ज्यादा औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। अपना केंद्र खोलने के लिए सरकार आपकी मदद करती है। इसके लिए आपको 2.5 लाख तक की मदद दी जाती है। आप हर महीने 20 से 25 हजार रुयपे कमा सकते हैं। वहीं आपके केंद्र से जितनी भी दवाईयां बेची जाएंगी उसपर आपको 20 फीसदी कमिशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा आपको हर महीने इंसेटिव भी मिलेगा जिसकी लिमिट 10 हजार रुपये फिक्सड है।