हम में से कई लोग भविष्य के लिए बीमा पॉलिसी पर निवेश करते हैं। चाहे वह देश की सबसे बड़ी सरकारी इंश्योरेंस कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) हो या फिर कोई और बीमा कंपनी। कस्टमर एक बॉन्ड के तहत बीमा कंपनी को हर महीने एक मुश्त राशि देता है। इसके बदले में बीमा कंपनी कस्टमर को कई तरह के फायदे देती है। कंपनी और कस्टमर के बीच कई सालों तक यह रिश्ता कायम रहता है। पॉलिसी की समयसीमा खत्म होने के बाद कस्टमर को मोटी रकम दी जाती है।
पॉलिसी खरीदना जितना आसान होता है उतना ही मुश्किल होता है इंश्योरेंस क्लेम करना। कई बार ऐसा होता है कि पॉलिसीधारक की अक्सामिक मौत हो जाती है। और ऐसे में उसके द्वारा लगाए गए पैसों को उनके परिवार के सदस्य या तो क्लेम ही नहीं करते या फिर क्लेम करते हैं तो इसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसा अक्सर जानकारियों के अभाव में होता है। अगर पॉलिसीधारक की मौत की वजह प्राकृतिक है तो 180 दिनों के भीतर इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकता है। लेकिन बेहतर यही रहता है कि आप जल्द से जल्द क्लेम करें।
अब सवाल यह है कि इंश्योरेंस कैसे क्लेम किया जाता है और इसके लिए क्या तरीका है। यही नहीं इंश्योरेंस क्लेम के लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं इंश्योरेंस क्लेम कैसे पाया जा सकता है।
1. अगर पॉलिसीधारक की मौत अप्राकृतिक है तो सबसे पहले आपको एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। इसके बाद एफआईआर की एक कॉपी रख लेनी चाहिए। या फिर पॉलिसीधारक की मौत अस्पताल में हुई है तो आपको मेडिकल रिपोर्ट रखनी चाहिए। ऐसा इसलिए करना जरूरी है क्योंकि जब आप इंश्योरेंस क्लेम करेंगे तो आपको एफआईआर और मेडिकल रिपोर्ट की जरूरत पड़ेगी।
2. पॉलिसीधारक की मौत के बाद सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि हम इंश्योरेंस क्लेम करें। इसके लिए आप बीमा कंपनी के कस्टमर केयर पर बात कर सकते हैं। इंश्योरेंस क्लेम करने की समयसीमा 180 दिन होती है।
3. क्लेम करने के लिए आपको कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे। जैसे की एप्लीकेशन फॉर्म, इंश्योरेंस क्लेम फॉर्म नंबर 3783 (ए), डेथ सर्टिफिकेट, पुलिस रिपोर्ट (एक्सीडेंट और क्राइम की स्थित में), हॉस्पिटल रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट, नॉमिनी दस्तावेज, इंश्योरेंस की आखिरी प्रीमिय रसीद और इंश्योरेंस पॉलिसी बॉन्ड पेपर।
4. इन सभी दस्तावेजों को लगाने के बाद आपको एप्लीकेशन फॉर्म के साथ इन्हें कंपनी को जमा करवाना होगा।
5. दस्तावेज जमा करने के बाद कंपनी के अधिकारी आपके पास आएंगे और वेरिफिकेशन करेंगे। इसके बाद आपको 15 दिन के अंदर आपके इंश्योरेंस क्लेम का पैसा मिल जाता है।