Home Loan: अगर आप भी होम लेने की सोच रहे हैं, तो उन 11 तरह की फीस के बारे में जान लें, जिसका भुगतान आपको करना होगा। यह शुल्क उधारदाताओं (बैंकों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों) के लिए अलग-अलग होती हैं। कुछ ऋणदाता अलग से शुल्क लेते हैं जबकि कुछ विभिन्न शुल्कों को एक साथ जोड़कर आपसे वसूलते हैं। कुछ शुल्क की राशि निश्चित होती है, जबकि कुछ शुल्क होम लोन राशि के प्रतिशत के रूप में जुड़े होते हैं। यहां उन 11 फीस पर एक नजर ड़ालते है, जो होम लोन आवेदन की प्रक्रिया के दौरान चुकानी होंगी।
लॉग-इन शुल्क
इसे आवेदन शुल्क के रूप में भी जाना जाता है। यह लोन आवेदन का मूल्यांकन करने के लिए ऋणदाता द्वारा लिया जाने वाला प्रारंभिक शुल्क है। इस स्तर पर यह आकलन किया जाता है कि आवेदन में आगे की प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ सभी जानकारियां हैं या नहीं।
प्रोसेसिंग फीस
लोन के आवेदन का मूल्यांकन विभिन्न पैरामीटर्स पर होता है। इसमें केवाईसी वेरिफिकेशन, वित्तीय मूल्यांकन, एंप्लॉयमेंट वेरिफिकेशन, निवास और कार्यालय पते का वेरिफिकेशन, क्रेडिट हिस्ट्री का मूल्यांकन आदि शामिल होता है। इसके लिए कई लोगों की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए आने वाले खर्च को लेंडर प्रोसेसिंग फीस के रूप में लेता है।
टेक्नीकल असेसमेंट फीस
जिस संपत्ति के लिए होम लोन लिया गया है, उसके बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए ऋणदाता तकनीकी विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। ये विशेषज्ञ कई मापदंडों पर संपत्ति का मूल्यांकन करते हैं। वे विभिन्न माध्यमों से संपत्ति का बाजार मूल्य भी निर्धारित करते हैं जिसमें भूमि लागत और निर्माण लागत भी शामिल है। कई ऋणदाता इस शुल्क को अपने प्रोसेसिंग फीस में शामिल करते हैं, जबकि इसे अलग से चार्ज करते हैं।
लीगल फीस
एक ऋणदाता के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह होता है कि जिस संपत्ति के लिए वह कर्ज देने जा रहे हैं, उसका कोई कानूनी विवाद तो नहीं है। इसका पता लगाने के लिए कानूनी विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं जो प्रोपर्टी के कानूनी पहलुओं की जांच करते हैं और फिर अपनी अपनी अंतिम राय देते हैं कि उस प्रोपर्टी के लिए लोन दिया जाना चाहिए या नहीं।
फ्रैंकिंग शुल्क
फ्रैंकिंग फीस आपके होम लोन एग्रीमेंट पर आम तौर पर एक मशीन के माध्यम से मुहर लगाने की प्रक्रिया है। इससे पुष्टि होती है कि आपने आवश्यक स्टाम्प शुल्क भुगतान किया है। होम लोन एग्रीमेंट की फ्रैंकिंग आमतौर पर सरकार द्वारा अधिकृत बैंकों या एजेंसियों द्वारा की जाती है। यह शुल्क भारत के कुछ राज्यों जैसे महाराष्ट्र और कर्नाटक में ही लागू है। फ्रैंकिंग शुल्क आमतौर पर होम लोन मूल्य का 0.1% होता है।
वैधानिक या नियामक शुल्क (Statutory or regulatory charges)
ये वे शुल्क हैं जो ऋणदाता द्वारा होम लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया में वैधानिक निकायों की ओर से एकत्र किए जाते हैं। आमतौर पर यह जीएसटी और स्टांप ड्यूटी के रूप में लिया जाता है और इसका भुगतान सरकार को किया जाता है।
पुनर्मूल्यांकन शुल्क
यह शुल्क होम लोन आवेदन की मंजूरी सीमित वैधता अवधि के लिए होता है। यदि आपका ऋण स्वीकृत हो गया है, लेकिन आप लंबी अवधि के लिए भुगतान नहीं करते हैं, तो ऋणदाता आपके लोन एप्लीकेशन का पुनर्मूल्यांकन करेगा। यह अवधि सभी उधारदाताओं में अलग-अलग होती है और आमतौर पर छह महीने तक हो सकती है। उदाहरण के लिए, एचडीएफसी इन मामलों में 2,000 रुपये का पुनर्मूल्यांकन शुल्क लेता है, जिसमें छह महीने की प्रारंभिक मंजूरी समाप्त हो जाती है।
बीमा प्रीमियम
कई ऋणदाता संपत्ति को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए बीमा लेने का सुझाव देते हैं। कुछ ऋणदाता लोन सुरक्षा जीवन बीमा पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यदि आप होम लोन के साथ एक बीमा पॉलिसी लेने का निर्णय लेते हैं, तो आपको बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
नोटरी शुल्क
अगर आप एनआरआई हैं और होम लोन ले रहे हैं तो आपको कुछ अतिरिक्त कागजी कार्रवाई करनी पड़ सकती है। आपके केवाईसी दस्तावेजों और पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) को भारतीय दूतावास या विदेश में उपलब्ध स्थानीय नोटरी द्वारा नोटरीकृत करने की आवश्यकता है। इसके लिए आपको लागू शुल्क का भुगतान करना होगा।
प्री-ईएमआई चार्ज
होम लोन के वितरण के बाद यदि आपको घर का कब्जा मिलने में देरी होती है, तो ऋणदाता एक साधारण ब्याज लेता है जिसे प्री-ईएमआई कहा जाता है।