यदि आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और इन्कम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की टैक्स बचत सीमा का फायदा उठाना चाहते हैं तो NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) में निवेश एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। दरअसल एनपीएस में 50 हजार रुपए तक का निवेश कर इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 80CC(1B)के तहत अतिरिक्त टैक्स बचत का फायदा उठाया जा सकता है। हालांकि यहां ये बात ध्यान रखने वाली है कि इन्कम टैक्स एक्ट की धारा 80सी, 80सीसीसी और धारा 80सीसीडी के तहत कटौती 1.5 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। स्व-रोजगार वाला व्यक्ति भी अपनी कुल इन्कम का 10% हिस्सा एनपीएस में देकर टैक्स बचत का फायदा उठा सकते हैं।
एनपीएस के तहत 2 तरह के अकाउंट खोले जाते हैं। टायर-1 अकाउंट नॉन रिफंडेबल होता है और यूजर के 60 साल का होने पर ही इस अकाउंट से विदड्रॉल किया जा सकता है। हालांकि कुछ खास परिस्थितियों में 60 साल से पहले भी विदड्रॉल किया जा सकता है। वहीं टायर-2 अकाउंट वॉलंटियर सेविंग अकाउंट की तरह होता है, जिसमें यूजर जब चाहे अपना पैसा निकाल सकता है। हालांकि टायर-2 अकाउंट खोलने के लिए पहले टायर-1 अकाउंट खोलना जरुरी होता है।
एनपीएस के तहत मिलने वाला रिटर्न उस इन्वेस्टमेंट स्कीम पर निर्भर करता है, जिसे यूजर द्वारा सलेक्ट किया जाता है। एक व्यक्ति द्वारा एनपीएस में एक ही खाता खोला जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति का ट्रांसफर किसी दूसरे शहर हो जाता है तो एनपीएस अकाउंट पोर्ट भी कराया जा सकता है। टियर-1 खाते में न्यूनत 6000 रुपए सालाना का अंशदान किया जा सकता है, लेकिन यदि किसी साल न्यूनतम राशि जमा नहीं की गई तो खाता फ्रीज भी हो सकता है। हालांकि नजदीकी पीओपी सेंटर जाकर रकम जमा कर और 100 रुपए का फाइन देकर खाता दोबारा चालू कराया जा सकता है।
