Public provident fund account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ लोगों के बीच निवेश और बेहतर रिटर्न की एक पॉपुलर स्कीम है। भविष्य को आर्थिक तौर पर सुरक्षित रखने के लिहाज से इस स्कीम में निवेश करना कई फायदे देता है। खास बात यह है कि इसमें किए गए निवेश पर टैक्स बचत भी होती है। पीपीएफ अकाउंट, पोस्ट ऑफिस या फिर किसी भी बैंक में जहां पीपीएफ खाता खोलने की सुविधा दी जाती है। अलग-अलग बैंक पीपीएफ खातों पर अलग शर्तें और नियम बनाते हैं। कई बैंक ग्राहकों को पीपीएफ खाता खुलवाने की सुविधा मिलती है।
अक्सर लोगों के मन में सवाल होते हैं कि पीपीएफ खाते में किए गए निवेश का पैसा कितने समय बाद निकाला जा सकता है। जरूरत पड़ने पर हम कितना पैसा निकाल सकते हैं। नियमों के मुताबिक पीपीएफ खाते का 50 प्रतिशत 5 साल पूरे होने पर निकाला जा सकता है। वहीं पूरी रकम 15 साल की अवधि पूरी होने पर निकाली जा सकती है। यह सुविधा नाबालिगों के अकाउंट पर भी लागू होती है।
यानि की ग्राहकों को पांच साल बाद ही निकासी की अनुमति होती है। पांच साल निवेश के बाद ग्राहक कुछ रकम निकालने के लिए पात्र माने जाते हैं। वहीं 15 साल की मैच्योरिटी पीरियड के खत्म होने के बाद ग्राहक पांच और साल के लिए खाते में निवेश कर सकते हैं।
पीपीएफ अकाउंट को जारी रखते का निर्णय लेते हैं तब आपके लिए फॉर्म एच (Form H) भरना जरूरी होता है। पीपीएफ का Form H का सादा एक पेज का फॉर्म होता है जिसे बैंकों की वेबसाइट या इंडिया पोस्ट डाउनलोड किया जा सकता है। मालूम हो कि पीपीएफ खाते में न्यूनतम 500 रुपये की राशि जमा की जा सकती है, जबकि अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक जमा किया जा सकता है।
