यदि आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाताधारक हैं और आपने एक साल में इस खाते में कोई रकम जमा नहीं कराई है तो आपका यह खाता बंद हो सकता है। ऐसे में अपने खाते को चालू रखने के लिए आपको एक साल में कम से कम एक बार 500 रुपये आवश्यक रूप से जमा कराने होंगे।

हालांकि, निष्क्रिय हो चुके खाते में भी जमा राशि पर मैच्योरिटी की अवधि पर ब्याज की राशि का भुगतान किया जाता है। यदि आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय हो चुका है तो आप निम्न तरीके से इसे फिर से चालू कर सकते हैं। अपने निष्क्रिय पड़े खाते को फिर से शुरू करने के लिए आपको उस पोस्ट ऑफिस या फिर बैंक जाना होगा जहां आपका पीपीएफ अकाउंट है।

आपको अपने निष्क्रिय पड़े खाते को फिर से चालू करने के लिए आपको प्रतिवर्ष के हिसाब से 500 रुपये जमा कराने होंगे। उदाहरण के लिए यदि आपका खाता 3 साल से निष्क्रिय है तो आपको 1500 रुपये का पहले भुगतान करना होगा। इस भुगतान के बाद ही आपका पीपीएफ खाता फिर से चालू हो पाएगा।

इसके अलावा जितने साल आपका खाता निष्क्रिय रहा है, उतने साल का आपको 50 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से जुर्माना भी देना होगा। तीन साल के हिसाब से यह राशि 150 रुपये बनेगी। संबंधित अधिकारी की तरफ से सभी जानकारियों का पुष्टि के बाद आपके खाते को चालू कर दिया जाएगा।

एक बार यदि आप अपना खाते में राशि जमा कराना बंद कर देते हैं तो आप अपने अकाउंट में जमा पूरी राशि को मैच्योरिटी की अवधि के बाद ही निकाल सकेंगे। मैच्योरिटी की यह अवधि 15 वर्ष है। यदि एक बार आप खाता बंद कर देते हैं तो आप उसमें फिर राशि जमा नहीं करा सकते हैं।

इसके अतिरिक्त यदि आप अपना खाता एक बार यदि निष्क्रिय हो जाता है तो आप इसमें जमा राशि पर टैक्स छूट का लाभ नहीं उठा सकते हैं। आप पीपीएफ में जमा अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि का सेक्शन 80 सी के तहत आयकर में छूट प्राप्त कर सकते हैं।