हाल ही में सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत अब ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने पर दोषी चालकों पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। नया कानून 1 सितंबर से लागू हो गया है। जिसे लेकर कई खबरें भी सामने आ रही हैं। जिनमें एक मामले के तहत दिल्ली के एक व्यक्ति का ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने 23,000 रुपए का चालान काट दिया। बता दें कि अब नए कानून के मुताबिक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी अधिकतम 32,500 रुपए तक का चालान काट सकते हैं।

बता दें कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के साथ ही गाड़ी या बाइक के वैध कागजात ना होने पर भी चालान काटा जा सकता है। ऐसे में अब वाहन चलाते समय वाहन के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस समेत सभी जरुरी कागजात रखने जरुरी हैं, लेकिन वैध कागजात की फिजिकल कॉपी साथ रखना कई बार संभव नहीं हो पाता। ऐसे में Digilocker App और mParivahan App काफी कारगर साबित हो सकती हैं।

मिनिस्टरी ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज (MoRTH) ने एक सर्कुलर जारी कर बताया है कि ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस और PUC सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में भी पेश किए जा सकते हैं। मंत्रालय ने राज्य परिवहन विभाग को लिखित में निर्देश दिए हैं कि Digilocker App और mParivahan App में डाउनलोड डॉक्यूमेंट को भी असली कागजात के समान ही माना जाएगा।

डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप में Driving Licence, Registration certificate, PUC, और Insurance जैसे कागजात pdf, jpeg और png फॉर्मेट में स्कैन करके सेव रखे जा सकते हैं। इसके लिए यूजर को एप डाउनलोड कर अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर अपना अकाउंट बनाना होगा, जहां ये उक्त कागजात स्कैन करके रखे जा सकेंगे।

गौरतलब है कि डिजिलॉकर और एमपरिवहन एप में डाउनलोड कागजात ही वैध माने जाएंगे। लेकिन यदि किसी ने कागजात की तस्वीरें खींचकर सेव कर ली हैं तो उनकी वैधता नहीं होगी और इस स्थिति में चालक का चालान भी कट सकता है। इसलिए यदि आपके पास उक्त दोनों एप डाउनलोड हैं, तो आपको अपने कागजात की फिजिकल कॉपी लेकर घूमने की जरुरत नहीं होगी।