अगर आप नई बाइक खरीदने जा रहे हैं या फिर जल्द ही ऐसा करने की आपकी योजना है तो यह खबर आपके लिए उपयोगी हो सकती है। हम आपको कुछ ऐसी छोटी छोटी लेकिन जरूरी बातें बताएंगे जिससे आपको मोटरसाइकिल खरीदने के बाद कोई परेशानी न हो।

खरीदार शोरूम जाकर बाइक पसंद करते हैं, कीमत पता करते हैं और खरीद लेते हैं। लेकिन बाइक की डिलीवरी लेते समय अगर आप जरूरी बातों को नजरअंदाज करेंगे तो बाद में पछताना पड़ेगा।

बाइक की डिलीवरी लेते समय आपको यह कन्फर्म करना चाहिए:
उसका रंग यानी पेंट सही हो
उसके डिजाइन में किसी प्रकार की खामी न हो
बाइक को स्टार्ट करके इंजन सही होने की पुष्टि कर लें
टायर्स नए हों, चले न हों और उन पर किसी प्रकार का कट न हो
बाइक की बॉडी या पेंट पर खरोंच न हों
साथ में मिलने वाली गारंटी और वॉरंटी के पेपर्स देख लें।

गाड़ी का आउटलुक और कलर: गाड़ी की डिलीवरी से पहले आपको बाइक की बॉडी को ध्यान से जरूर चेक कर लेना चाहिए। आप संतुष्ट हो जाएं कि बाइक में कहीं डेंट, खरोंच या फिर कोई कमी तो नहीं। अगर ऐसा कुछ दिखे तो समझिए कि बाइक के रखरखाव में उसे नुकसान पहुंचा है। बाइक पर किए गए पेंट की भी जांच जरूर करें। यह परतदार नहीं होनी चाहिए। बाइक पर हर जगह पेंट एक समान सा हो। अगर ऐसा नहीं है तो आप उसकी ना डिलीवरी ना लें।

शोरूम से बाइक लाने से पहले उसके हेडलैम्प्स, टेल लाइट्स, इंडिकेटर्स को चेक कर लें। इसके स्पीडोमीटर सहित सभी इलेक्ट्रिक चीजों को जांच लें और संतुष्ट हो जाएं।

रिम चेक करें: बाइक के स्टैंड को भी चेक करें। यह बैलेंस्ड होने चाहिए। बाइक को साइड स्टैंड पर खड़ी करने पर यह ज्यादा झुकनी नहीं चाहिए। बाइक को स्टैंड पर खड़ा करके पहियों को घुमाकर देखें। इससे पहिए का बैलेंस पता चलता है साथ ही यह कितना फ्री घूमता है यह भी पता चल जाता है। अगले और पिछले पहिए की रिम में अगर आपको जंग दिखे तो आप उसे बदलने के लिए कहें।

इंजन से जुड़ी ध्यान रखने वाली जरूरी बातें: बाइक डिलीवरी से पहले आप शोरूम में ही बाइक को चालू कर उसके इंजन की आवाज ध्यान से सुनें। कुछ गड़बड़ लगे तो बाइक बदलने के लिए कहें। साइलेंसर को भी जांचें, यह देखें कि उससे निकलने वाले धुएं का रंग कैसा है। अगर सफेद धुंआ दिखता है तो मतलब बाइक में कुछ दिक्कत है। अगर आपको बाइक में कुछ भी संदेहास्पद दिखे तो एक बार टेस्ट ड्राइव के लिए जरूर कहें।

टायर चेक करें: मालूम हो कि शोरूम तक बाइक्स को लाने में अधिकतर ट्रकों का इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में आप जो बाइक ले रहे हैं इसके पहियों की जांच कर लें, टायर पर किसी तरह के कट्स ना लगें हों। अगर किसी तरह का निशान या कट्स दिखे तो शोरूम मालिक से उसे बदलने के लिए कहें। खास बात यह कि जो आपको टायर से संबंधित ध्यान में रखनी चाहिए कि बाइक में लगा टायर एक साल से अधिक समय का ना बना हो। टायर का प्रेशर भी चेक करें। क्योंकि शोरूम में गाड़ियां कई दिनों से खड़ी रहती है, ऐसे में इसकी पड़ताल करना जरूरी है। साथ ही टायर मैन्युफैक्चरिंग तारीख और साल भी पता करें।

जरूरी कागज: इन सब जरूरी चेकिंग के अलावा सुनिश्चित कर लें कि बाइक खरीदते समय आपको टूलकिट, ओनर मैनुअल, टैक्स रसीदें, बीमा के कागज मिल रहे हैं या नहीं। अगर शोरूम ऐसा नहीं कर रहा तो उसे इन सब चीजों को देने के लिए कहें।

जो बाइक पसंद की वही मिल रही है या नहीं: गाड़ी शोरूम से लाने से पहले ये भी चेक करें कि आपको बाइक की एक्स्ट्रा Key मिली है या नहीं। कोशिश करें कि जिस दिन आप बाइक सेलेक्ट कर रहे हैं, उसी दिन डिलीवरी हो, अगर ऐसा संभव नहीं है तो जिस बाइक मॉडल को आप पसंद कर चुके हैं, उसका इंजन और चेसिस नंबर जरूर लिख लें। जिससे आगे आप उसी बाइक को डिलीवर करने के लिए कहें।

पेमेंट के दौरान मिलने वाले इनवाइस में लिखी राशि को खुद के द्वारा दी गई राशि से मिलान कर लें। कन्फर्म कर लें कि जिस बाइक को आपने शॉर्टलिस्ट किया था, वहीं गाड़ी आपको डिलीवर हो रही है या नहीं।