7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2020: सेंट्रल रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान काम पर न आने वाले मुंबई डिवीजन के 800 कर्मचारियों की मई की सैलरी काट ली। रेलवे का कहना है कि इन कर्मचारियों ने लॉकडाउन का फायदा उठाया जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें काटी गई सैलरी वापस दी जाए क्योंकि काम पर न आने की वजह ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था का न होना है।

मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक रेलवे कर्मचारी यूनियन का कहना है कि रेलवे का यह फैसला सही नहीं है क्योंकि लॉकडाउन के चलते कर्मचारी पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपलब्ध न होने के चलते काम पर नहीं जा सके। ऐसे में रेलवे को उन्हें काटी गई सैलरी वापस देनी चाहिए।

सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) के अध्यक्ष आरपी भटनागर ने मिरर को बताया कि अप्रैल में भी, उनमें से ज्यादातर को केवल एक अस्थायी वेतन दिया गया था। जबकि पिछले महीने (मई) के लिए कुछ भी वेतन नहीं दिया गया। रेलवे प्रशासन कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के कारण ही ट्रेनों को चलाने में सक्षम है। लेकिन वे हमारे परिवारों की परवाह नहीं करते। मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए हम अपना घर कैसे चलाएं।’

सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने इस संबंध में सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर को एक पत्र भी लिखा है और मांग की है कि जल्द से जल्द काटी गई सैलरी वापस ट्रांसफर की जाए। यह भी कहा गया है कि इन कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान अनुपस्थित रहने के दिनों को कैजुअल लीव मार्क किया जाए।

इन मांगों के बीच रेलवे की तरफ से कहा गया है कि ये कर्मचारी लॉकडाउन का फायदा उठा रहे थे और जानबूझकर काम पर नहीं पहुंचे। कुछ कर्मचारियों ने दूसरे कर्मचारियों से कहा कि वे काम पर न जाएं और उन्हें वेतन मिलता रहेगा। हालांकि रेलवे की तरफ से इस पूरे मामले में यह भी कहा गया है कि पूरी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में साफ हो सकेगा।