ब्रह्मांड का सबसे हॉट स्पॉट कौन सा है ? जवाब अगर सूरज के इर्द-गिर्द का हिस्सा बताएंगे तो वह गलत है। उससे भी कई गुना हॉट स्पॉट अमेरिका में है। नाम है प्लेब्वॉय मैंशन।वह ठिकाना जहां, दिन और रात का कोई अता पता नहीं। मौज-मस्ती की हद नहीं। खाने-खिलाने, पीने-पिलाने और नाचने-गाने की कोई सीमा नहीं। यहां के किस्से गवाह है कि यहां मौजों की बहार आती थी। प्लेब्वॉय की बात इसके मैंशन का जिक्र किए बिना अधूरी रह जाती है। वैसे तो यह मैंशन चेस खिलाड़ी और स्पेस इंजीनियर लुइस डी स्टैटथैम का था। 1927 में बना था, लेकिन प्लेब्वॉय एंटरप्राइजे़ज के मालिकान हग हेफ्नर ( Hugh Hefner) ने इसे 1971 में खरीदा था तब कीमत एक मिलियन डॉलर थी। मैंशन 5.3 एकड़ में फैला है और इसमें कुल 29 कमरे हैं। 2011 में इसकी कीमत तकरीबन 54 मिलियन डॉलर पहुंची।
प्लेब्वॉय मैग्जीन के संस्थापक का इसे घर भी माना जाता है। कैलिफोर्निया में बना यह मैंशन मीडिया में तब छाया जब 1970 में यहां की आलीशान पार्टियों के किस्से सामने आए।
मैंशन की पहली मंजिल पर ग्रीटिंग एरिया, किचन और डाइनिंग एरिया है। जबकि दूसरे माले पर सभी ‘बनी’ के बेडरूम्स हैं। यहां हग के साथ एक समय पर लगभग दो दर्जन गर्लफ्रेंड्स रहती थीं।
यह मैंशन बाहर से दिखने में जितना खूबसूरत है, अंदर से भी उतना ही आलीशान है। दुनिया की नजरों में यह भले ही गंदा हो, लेकिन यहां साफ-सफाई का खासा ख्याल रखा जाता है।
बनी के लिए नियम कायदे भी होते हैं। वैसे तो असली मैंशन शिकागो में था, जहां से प्लेब्वॉय मैग्जीन की स्थापना हुई थी। बाद में इसे लॉस एंजलिस शिफ्ट कर दिया गया। 1970 में।
खास बात है कि यहां ग्रोटो (Grotto) भी है। बोले तो प्राकृतिक और आर्टिफीशियल गुफा, जहां बनी अक्सर जाकर मौज-मस्ती किया करती थीं। इतना ही नहीं, भीतर एक सीक्रेट कमरा भी है। ‘द एल्विस रूम’ के नाम से।
दरअसल, 1970 में एल्विस प्रेसली किंग ऑफ रॉक कहे जाते थे, उन्हीं के नाम पर इस कमरे को पहचान मिली। यह भी रोचक है कि मैंशन लॉस एंजलिस की उन संपत्तियों में से है, जिन्हें चिड़ियाघर का लाइसेंस मिला हुआ है।
एथलीट्स और सेलिब्रिटिज जैसे हाई प्रोफाइल लोगों के लिए यह सबसे हॉट स्पॉट है। हाल ही में यहां जाने माने रैपर स्नूप डॉग और एक्टर-प्रड्यूसर डेविड हैसलहॉफ और हॉलीवुड एक्टर लियोनार्डो डि कैप्रियो नजर आए थे।
फिलहाल यह मैंशन डैरन मेट्रोपोलस (Daren Metropoulos) का है। अब यहां कॉरपोरेट दुनिया से जुड़ी गतिविधियां होती हैं। वहीं, कई बार इसका इस्तेमाल टीवी प्रोडक्शन, मैग्जीन फोटोग्राफी और बाकी फंक्शंस के लिए होता है।
(फोटो सोर्सः द प्लेब्वॉय मैंशन/फेसबुक)