यूरोपीय संघ (ईयू) ने कई मानवाधिकार संगठनों के नियमन सम्बंधी इस्राइल के नए कानून की आलोचना करते हुए बुधवार (13 जुलाई) को कहा है कि इससे इस्राइल के लोकतांत्रिक आदर्शों के ‘कमजोर’ होने का खतरा है। मंगलवार (12 जुलाई) पारित हुए इस कानून के तहत उन गैर लाभकारी समूहों पर रिपोर्टिंग से जुड़ी नई जरूरतें लागू होंगी जिन्हें अनुदान में मिलने वाली आधी से अधिक रकम विदेशी सरकारों से प्राप्त होती है।

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित इसके समर्थकों का कहना है कि कानून का मकसद पारदर्शिता को बढ़ावा देना है, लिहाजा यह विशेषतौर पर लगभग सभी स्वतंत्र समूहों, अक्सर ईयू से वित्तपोषित समूहों पर लागू होता है जो कि फलस्तीन के खिलाफ इस्राइल की नीतियों के लिए अहम होते हैं।

अधिकतर युद्धकारी समूह काफी हद तक इससे बचे हुए हैं, क्योंकि उन्हें निजी व्यक्तियों से कोष प्राप्त होता है। इस्राइल के कट्टरपंथी गठबंधन के सदस्य लंबे समय से ईयू पर ऐसे समूहों को कोष प्रदान कर इस्राइल के मामलों में दखल देने का आरोप लगाते रहे हैं।

बुधवार (13 जुलाई) जारी बयान में ईयू ने कहा कि नया कानून ‘पारदर्शिता के लिए वैध जरूरतों से परे है’ और ऐसा प्रतीत होता है कि इसका लक्ष्य ‘इस्राइल में कार्यरत इन नागरिक समाज संगठनों की गतिविधियों को बाधित’ करना है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘नए कानून से ऐसे मूल्यों के कमजोर होने का खतरा है।’