हर साल पूरी दुनिया में 12 अगस्‍त को विश्व हाथी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हाथी भारत और दुनिया का सबसे बड़ा स्थलीय स्तनधारी है। भारतीय हाथी मुख्यतः मध्य एवं दक्षिणी ‘पश्चिमी घाट’, उत्तर-पूर्व भारत, पूर्वी एवं उत्तरी भारत तथा दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। हाथी को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में और ‘पशु-पक्षियों की संकटग्रस्त प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (CITES) के परिशिष्ट-1 में भी शामिल किया गया है।

हाथी को संस्कृत में गजराज भी कहा जाता है। अंग्रेजी भाषा में हाथी को ऐलीफैंट कहा जाता है। ऐलीफैंट शब्द ग्रीक भाषा के शब्द ऐलीफस से निकला है। ऐलीफस शब्द का अर्थ बड़े दांतों वाला होता है। हाथी का ​मस्तिष्क धरती पर मौजूद सभी स्थलीय जीवों में सबसे बड़ा होता है। इसका वजन करीब 5 किग्रा होता है। हाथी दिन भर में अपने शरीर से भारी मात्रा में मेथेन गैस का उत्सर्जन करते हैं। ये उत्सर्जन इतना अधिक होता है कि एक कार को 32 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है।

हाथी की सूंड़ भी उनके शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। अपनी सूंड़ में वह एक बार में करीब 14 लीटर पानी भर सकते हैं। इस धरती पर सबसे लंबे समय तक जीने वाला हाथी करीब 86 वर्ष (1917-2003) तक जीवित रहा था। हाथी को अपने जीवन का बड़ा हिस्सा खाते हुए बिताना पड़ता है। हाथी दिन में करीब 16 घंटे का वक्त सिर्फ खाते हुए ही बिता देते हैं। पिछले 10 सालों में पूरी दुनिया में हाथियों की तादाद में करीब 62 फीसदी की गिरावट आई है। शिकार में बढ़ोत्तरी और घटते जंगल हाथियों की संख्या घटने का सबसे बड़ा कारण हैं। भारत में भी किसानों और आदिवासियों से उनका टकराव आए दिन बढ़ रहा है।

साल 2017 में मनाए गए विश्व हाथी दिवस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत में हाथियों की जनगणना के प्रारंभिक परिणाम जारी किए थे। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हाथियों की कुल संख्या 27,312 दर्ज की गई है। देश में सर्वाधिक हाथी कर्नाटक राज्य (6049) में रहते हैं। इसके बाद क्रमश: असम (5719) और केरल (3054) का नाम आता है।

उल्लेखनीय है कि 2017 से पहले भारत में हाथियों की गणना साल 2012 में संपन्न हुई थी, जिसमें हाथियों की संख्या 29,391 और 30,711 के बीच आंकी गई थी। हालांकि वर्ष 2012 में हुई गणना में विभिन्न राज्यों ने अलग-अलग पद्धतियों का प्रयोग कर हाथियों की संख्या का अनुमान लगाया था और उनमें कोई तालमेल नहीं था। भारत के 12 राज्यों में हाथी पाए जाते हैं। उल्लेखनीय है कि IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड सूची में ‘अफ्रीकी हाथियों को सुभेध’ (Vulnerable), जबकि एशियाई हाथियों को संकटग्रस्त (endangered) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।