भारत में रोज बहुत सी लड़कियां और महिलाएं दहेज प्रथा, देह व्यापार और यौन शोषण आदि का शिकार होती हैं। ज्यादातर लोग इसमें मजबूरन फंसे रहते हैं लेकिन इनमें से कुछ ही होते हैं जो इससे निकलने की हिम्मत कर पाते हैं और फिर से सामान्य जीवन जीना शुरू कर पाते हैं। ऐसी ही बहादुर लड़की आयशा की कहनी सामने आई। उसकी कहानी सुनकर आप के आंखों में आंसू आ जाएंगे। मैसूर की रहने वाली 18 साल की आयशा की शादी अपने ज्यादा उम्र के एक आंध्र प्रदेश के रहने वाले एक शख्स से हुई थी। शादी के बाद उसे दहेज के लिए अपने रिश्तेदारों और पति की यातना सहनी पड़ती थी। उन लोगों को जब आयशा के प्रेग्नेंट होने का पता चला तो उन्होंने उसका गर्भपात करा दिया। यह सब यहीं नहीं खत्म हुआ। उसके बाद उसका पति उसे एक घर में ले गया और दावा किया कि यहां एक नौकरी उसका इंतजार कर रही है- ये जगह और कोई नहीं बल्कि वेश्यालय था।
आयशा ने Curley Street Media को बताई अपनी आपबीती में दावा किया कि उसके पति ने उसे दस हजार रुपए में बेच दिया था।। वीडियो में महिला ने बताया कि जिस तरह से जानवर को बेचा जाता है, मेरे पति ने मुझे बेच दिया और कभी वापस नहीं आया। वेश्यालय में रोज 5 से 6 कस्टमर्स आते थे और उसे गलत काम करने के लिए उस पर दबाव डालते थे। मना करने वह बांध देते थे, मारते थे और रेप करते थे। मैंने कई बार भागने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सकी। इन सबके के लिए वह अपने परिवार से भी नाराज थी।
महिला ने बताया कि आखिरकार, दो महीने बाद एक कस्टमर ने उससे सहानुभूति दिखाते हुए मदद की। उस शख्स के जाने के बाद न्याय विभाग के सदस्य वहां आए और उन्होंने मुझे वहां से बाहर निकाला। अभी वह शेल्टर होम में रहती हैं और सेल्फ डिफेंस के लिए बॉक्सिंग सीख रही हैं। उनके दिल में एक दिन आईपीएस अधिकारी बनने की इच्छा है ताकि लोग उनकी इज्जत करे। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे वह अपनी जिंदगी जी रही है और सुरक्षित महसूस कर रही है। महिला ने कहा कि वह अपने बीते हुए पलों को भूलने की कोशिश कर रही हैं।