त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद वहां स्थित कम्युनिस्टों के आदर्श ब्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा को ढहाए जाने का मुद्दा इस वक्त चर्चा में है। टीवी और सोशल मीडिया में लेनिन की मूर्ति ढहाने का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। बीजेपी समर्थकों द्वारा कम्युनिस्ट विचारक की मूर्ति गिराने का सीपीआई(एम) की तरफ से कड़ा विरोध हो रहा है। वामपंथी नेताओं का कहना है कि लेनिन एक महान लीडर थे और उन्होंने भारत की आजादी के लिए बहुत कुछ किया था। हिंदी न्यूज़ चैनल आज तक में लेनिन की मूर्ति ढहाने के मामले को लेकर एक डिबेट आयोजित की गई थी, जहां सीपीआई(एम) के नेता सुनीत चोपड़ा ने यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘लेनिन का हिंदुस्तान से बहुत गहरा संबंध रहा था और लाहौर में जब भगत सिंह और उनके साथियों का ट्रायल चल रहा था तब उन्होंने लेनिन का अनुसरण किया था। इसके साथ-साथ जब लेनिन की क्रांति हुई थी तब यह पहला यूरोपियन देश था, जिसने कहा था कि जो लोग अपनी आजादी के लिए लड़ेंगे हम उनका साथ देंगे। जब लाला लाजपत राय और लोकमान्य तिलक ने लड़ाई लड़ी तब लेनिन ने उनके बारे में लिखा, वो हिंदुस्तान की आजादी की लड़ाई पर अध्ययन कर रहे थे, उससे जुड़े हुए थे। जो लोग उनकी लड़ाई में शामिल थे उन्हें रूस ने पनाह दी, मजदूरों के बच्चों को पढ़ाया, तो लेनिन ने हिंदुस्तान की आजादी के लिए बहुत कुछ किया। अगर वह नहीं होते तो अंग्रेज भारत को दबा सकते थे।’

सुनीत चोपड़ा को उनके इस बयान के कारण इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है। ट्विटर यूजर्स के एक धड़े ने लेफ्ट के नेता का काफी मजाक उड़ाया। एक ट्विटर यूजर ने कहा, ‘हां, लेनिन ने भारत की आजादी के लिए बहुत कुछ किया। वह हिंदुस्तान की आजादी के लिए फांसी चढ़े और काकोरी में ट्रेन भी उन्होंने ही लूटी। लेकिन भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे। यहां तक की रावण को भी लेनिन ने ही मारा था।’ वहीं एक यूजर ने कहा कि चोपड़ा के बयान से ऐसा लग रहा है कि उनका दिमाग खराब हो गया है। एक अन्य यूजर ने लिखा, ”अरे… मुझे तो लगा की हमारी आज़ादी ही लेनिन ने दिलवाई। बाकि हमारे स्वतंत्रता सेनानी तो केवल टाइम पास कर रहे थे।”